रविवार, 21 जून 2020

ठगतंत्र



नेताओं की टोली फिर 
सड़कों पर दिखने लगी है
लगता है चुनावी मौसम
फिर आ चला है
खुल जाएंगे वादों के पिटारे
आश्वासनों के अम्बार लगेंगे
आरम्भ होंगे सपने दिखाने के सिलसिले 
भाषणों से लोगों की आंखें चमकेंगी
खुश हो सब तालियां बजाएंगे
नेताजी फूले नहीं समाएंगे
यह सोचकर कि
वे एक बार पुन:
हो गए हैं कामयाब
जनता को बरगलाने में
कम से कम पांच वर्षों के लिए उनकी
ऐशो-आराम का प्रबन्ध हो गया है
और कहीं मंत्री-वंत्री बन गए
फिर तो कई पुस्त
बैठे-बिठाए मौज करेंगे
जनता इनके किए वादों से ही
पांच साल अपना मन बहलाएगी
अगले चुनाव में फिर कोई आएगा
नये-नये तरीकों से
अच्छी-अच्छी सपने दिखाएगा
झांसे में आकर जनता 
फिर से ठगी जाएगी
यही सिलसिला वर्षों से
चला आ रहा है और चलता रहेगा
समझ नहीं आ रहा इसे
लोकतंत्र कहें या ठगतंत्र

@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022
 


रविवार, 14 जून 2020

प्रवासी



अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि
अपने गामक लोक के आई परदेशी कहल अछि
प्रश्न केनिहार स्वयं अंग्रेजी बजैत विदेशी बनल अछि
मुदा ओकरे नहिं मानल अपन जे स्वदेशी आनल अछि
अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि

कोरोनाक तेहेन कहर सबहक रोजगार छीनल अछि
मजबूर भ मजदूर अपन-अपन गाम पैरे चलल अछि
जीवन मे किंसाईते कहियो एहेन कष्ट सहल अछि
भुखल-पियासल बाले-बच्चे लटुआएल पड़ल अछि
अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि

बनाओल दोसराक महल नहिं अपन आवास बनल अछि
जे पेट भरैए संसार के वैह किसान‌ भूखल अछि
पलंग-दीवान बनौनिहार स्वयं जमीन पर सुतल अछि
देह पर नहिं लिबास से सबहक वस्त्र बुनल अछि
अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि

चुनावक समय वोटक खातिर नेता-मंत्री सटल अछि
आवश्यकताक समय सरकारो अपन हाथ खींचल अछि
रोजी-रोटीक जोगाड़ मे नगर-नगर जे भटकल अछि
तकरा लेल सोनू सन भारत मां क सपूत जनमल अछि
अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि
अपने देशक वासी आई प्रवासी बनल अछि

@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022



एहि रचनाक विडियो सेहो उपलब्ध अछि । देखबाक लेल लिंक पर क्लिक करू



गुरुवार, 11 जून 2020

मैं बहुत खराब हूँ




लोग कहते हैं कि मैं बहुत खराब हूँ
खुबसूरत से बोतल में बन्द शराब हूँ

मुझसे दोस्ती करने की कोशिश न करना
क्योंकि मैं दो समुदायों के बीच बनी दीवार हूँ

मुझसे किसी भी चीज की कामना न करना
क्योंकि मैं आश्वासन देते रहने वाला स्वभाव हूँ

मुझे समझने की कोशिश बिल्कुल न करना
क्योंकि मैं गणित का न सुलझने वाला सवाल हूँ

मुझे किसी भी तरह रोकने की कोशिश न करना
क्योंकि मैं अन्तहीन दिशा में बहती नदी का बहाव हूँ

मुझे कहीं भी ढूंढने की कोशिश न करना
क्योंकि मैं किसी भूल-भूलैया वाले चौराहे का घुमाव हूँ

मुझे किसी भी तरह जोड़ने की कोशिश न करना
क्योंकि मैं किसी बाँध में पड़ी हुई दरार हूँ

मेरे जैसा बनने की कभी कोशिश न करना
क्योंकि मैं भारतवर्ष से न मिटने वाला भ्रष्टाचार हूँ

मुझे कहीं से भी पकड़ने की कोशिश न करना
क्योंकि मैं घोटालेबाज, जेल का कैदी फरार हूँ

क्या अब भी नहीं समझ पाए कि मैं कौन हूँ
मैं भारत के कोने-कोने में पाया जाने वाला नेता महान हूँ

इसलिए लोग कहते हैं कि मैं बहुत खराब हूँ
खुबसूरत से बोतल में बन्द शराब हूँ ।।

@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022

बुधवार, 10 जून 2020

कोरोना (मैथिली)



चहुंओर मचल अछि हाहाकार
खाली पड़ल विद्यालय-महाविद्यालय
सुनसान अछि सड़क आ बाजार
कोरोना सं सबके बचाबू सरकार
चहुंओर मचल अछि हाहाकार ।

अनवरत चलैत आबि रहल अछि
पर्यावरणक क्षरण जीव-जंतुक शिकार
मनुक्खक असीमित महत्तवकांक्षा
उताहुल अछि समाप्त करबा लेल संसार
चहुंओर मचल अछि हाहाकार ।

मंगल पर घर बसेबाक सपना देखैत
आ चान के अपन मुठ्ठी मे केनिहार
बड़का-बड़का पावर हाउस सब
सृष्टिक सोझा भ गेलाह अछि लाचार
चहुंओर मचल अछि हाहाकार ।

गेंठ बान्हि लिय प्रकाशक विचार
वन-झांखुर,नदी-पहाड़,पोखरि-डबरा
पशु-पक्षी खेत-खरिहानक संग
आबो राखू नव जीवनक आधार
चहुंओर मचल अछि हाहाकार ।।

@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022






शनिवार, 6 जून 2020

भारत देश


भारत देश महान है
हम भारतीयों की शान है
गंगा-यमुना की अविरल धारा 
भारत देश की जान है
               भारत देश महान है 
               हम भारतीयों का मान है
               अलग-अलग धर्म-भाषाएँ
               इन पर हमें गुमान है 
भारत देश महान है 
महापुरूषों का धाम है
बुद्ध, महावीर, नानक, गाँधी
मिसाइलमैन कलाम है
               भारत देश महान है 
               सारे विश्व में नाम है
               जल, थल और वायुसेना
               विश्व शांति का पैगाम है
भारत देश महान है 
किसानों को प्रणाम है
कमल फूल फूलों का राजा
फलों का राजा आम है
               भारत देश महान है 
               कलाकारों की खान है
               राजकपूर बच्चन रहमान
               लता जी का गान है
भारत देश महान है
खिलाड़ी भी गुणवान हैं
ध्यानचंद सचिन धोनी
खेलों के भगवान हैं
               भारत देश महान है
               शिव-शक्ति का गाम है
               मां कामाख्या-विन्ध्यवासिनी
               बाबा वैद्यनाथ का ठाम है ।
भारत देश महान है
भारत देश महान है

©प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022

शुक्रवार, 5 जून 2020

की बनब बौआ - मैथिली


दादी पुछलैन की बनब बौआ
हम कहलियैन बनब हम क्रिकेटर
सुनि क पप्पा दौड़ल अयलाह
कहलाह बेटा हमर बनत इंजीनियर
भनसा घर सं माँओ एलीह
से नहिं हैत बनत बेटा डाॅक्टर
दीदी किए पाछा रहतीह
ओहो आबि अपन पसिन बतौलीह
बनत हमर बाबू हवाई जहाजक पायलट
करत देश-विदेशक टूर
हमरा आब किछु नहिं फुराइये
एहि एकटा जीवन मे हम
की-की बनबै आ 
करबै ककर-ककर सेहन्ता पूर  ?

©शाश्वत झा
भागलपुर
9431874022







गुरुवार, 4 जून 2020

टेलिफोन


यह रचना सन् २००० में ही लिखी गई थी । उस समय मोबाईल हमारे हाथों में नहीं आया था । लैंडलाइन फोन हुआ करता था वह भी किसी-किसी घर में .......


टेलिफोन क्या ले ली
कोई मुसीबत ही मोल ले ली
जब मन करता है
तभी बज उठता है
न दिन देखता है न रात
न धूप देखता है न बरसात
अपना तो पता नहीं कुछ लाभ हुआ या नहीं
फायदा तो उठा रहे हैं हमारे पड़ोसी
जब देखो तभी पहुंच जाते हैं
कहते हैं फोन करना है जरूरी
एक आदमी है पड़ोसियों को बुलाने के लिए रख ली
पता नहीं कब बज जाए फोन की घंटी और कहे
जरा बुला दीजिए पड़ोस से मेरी घरवाली
न बुलाएं तो पता नहीं
किस-किस से हो जाए मन-मुटाव और दुश्मनी
फोन डेड हो जाए फिर तो भगवान ही बचाए
लाइनमैन के नखरे दिखाए
बिल की तो बात ही मत पूछिए
महीना खत्म हुआ नहीं कि आ टपका
लग गया चूना हजार-दो हजार का
बिल चुका-चुका के 
हो गया मेरा बैंक बैलेंस खाली
टेलिफोन क्या ले ली
कोई मुसीबत ही मोल ले ली
@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
९४३१८७४०२२

मिथिला महिमा

 मिथिला देश निवासी छी हम मैथिली हमर भाषा सातो जनम अही ठाम हो इएह  हमर अभिलाषा मिथिला देश ........ जानकी, विद्यापति, सलहेस सन-सन अपन धरोहरि ज...