नेताओं की टोली फिर
सड़कों पर दिखने लगी है
लगता है चुनावी मौसम
फिर आ चला है
खुल जाएंगे वादों के पिटारे
आश्वासनों के अम्बार लगेंगे
आरम्भ होंगे सपने दिखाने के सिलसिले
भाषणों से लोगों की आंखें चमकेंगी
खुश हो सब तालियां बजाएंगे
नेताजी फूले नहीं समाएंगे
यह सोचकर कि
वे एक बार पुन:
हो गए हैं कामयाब
जनता को बरगलाने में
कम से कम पांच वर्षों के लिए उनकी
ऐशो-आराम का प्रबन्ध हो गया है
और कहीं मंत्री-वंत्री बन गए
फिर तो कई पुस्त
बैठे-बिठाए मौज करेंगे
जनता इनके किए वादों से ही
पांच साल अपना मन बहलाएगी
अगले चुनाव में फिर कोई आएगा
नये-नये तरीकों से
अच्छी-अच्छी सपने दिखाएगा
झांसे में आकर जनता
फिर से ठगी जाएगी
यही सिलसिला वर्षों से
चला आ रहा है और चलता रहेगा
समझ नहीं आ रहा इसे
लोकतंत्र कहें या ठगतंत्र
@प्रकाश कुमार झा
भागलपुर
9431874022