सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

कोरोना काल (गीत)


मैया एलौं  कोना इ कोरोना काल मे
बझल अछि दुनियां कोन जंजाल मे ना

केहेन समय छै ने कहियो देखल 
एहेन दुर्दिन ने आई धरि सोचल
देखू कोना लोके सं लोक डेरायल छै
कतेक दर्द भक्तक एहि सवाल मे ना
मैया एलौं अहां.......... 

नौकरी-चाकरी सब छै छूटल
जन-मजूर भेल घर सं बेघर
विनती करैत बेरोजगारी सं घेराएल छै
बाले-बच्चे भूख सं बेहाल भेल ना
मैया एलौं अहां...........

धिया-पुता के स्कूलो बंद छै
मंद पड़ल देश-दुनियांक व्यापार
सरकारोक सुधि-बुधि हेराएल छै
चहुँ दिस मचल कोन बवाल छै ना
मैया एलौं अहां...........

चुनावक सभा पर नहिं छै पहरा
वोटक लेल कोरोनो भागल
मुदा पूजा-पाठ मेला सं डेराएल छै
अपना देशक नेता सभ कमाल छै ना
मैया एलौं अहां...........

©प्रकाश कुमार झा 
आकाशवाणी, भागलपुर

गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020

मेरा मन💕 रो रहा है


मेरा मन रो रहा है
ये तन-बदन रो रहा है
सारे जहाँ के साथ
मेरा वतन रो रहा है
मेरा मन रो रहा है ।।

कोई तो बताए जरा
क्या गुनाह है उसका
जो वतन परस्ती में
अपनी जान खो रहा है
मेरा मन रो रहा है ।। 

उन वीरांगनाओं की खता
बताओ बूढ़ी माँ का दोष
उस बच्चे की गलती जो
अपनों के शव ढ़ो रहा है
मेरा मन रो रहा है ।। 

इंसानों की बस्ती में
शैतानों का आ जाना
पाक-चीन की सह पर
मौत का तांडव हो रहा है
मेरा मन रो रहा है ।। 

कोई शोक मनाना है
कोई निन्दा करता है
राजनीति करता हुआ
पक्ष-विपक्ष सो रहा है
मेरा मन रो रहा है  ।।

© प्रकाश कुमार झा
आकाशवाणी, भागलपुर 

मिथिला महिमा

 मिथिला देश निवासी छी हम मैथिली हमर भाषा सातो जनम अही ठाम हो इएह  हमर अभिलाषा मिथिला देश ........ जानकी, विद्यापति, सलहेस सन-सन अपन धरोहरि ज...