खट्टर कक्का अपन दलान पर बैसल दतमनि क रहल छलाह । तखने पूब दिस सं उदन आ पश्चिम दिस सं सरोज के अबैत देखलखिन्ह ।
खट्टर कक्का - आबह आबह उदन । बड्ड दिन पर देखलियह । अरे सरोज तोंहो छह? आबै जाह, बैसह ।
एक्के संग सरोज आ उदन - गोर लगै छी खट्टर कक्का ।
खट्टर कक्का - खूब नीके रहय जा। सब दिन अहीना दनदनाइत रह'। बैसह तों सब, हम कुर्रा केने अबै छी।
खट्टर कक्का क'ल पर जा कुर्रा कएलाह आ अबैत- अबैत अपन पोती के चिकरि क तीन कप चाह बना क' आनए कहि देलखिन्ह ।
खट्टर कक्का - आब सुनाबह तों सब । की कोनो खास प्रयोजन?
सरोज - जी खट्टर कक्का, एकटा खास काज सं आएल छलौंह ।
खट्टर कक्का - हं बाजह ने। कोन काज छह?
सरोज - कक्का आई सांझ मे पांच बजे सं #मैथिली ट्वीटर पर ट्रेंड करेबाक छै । तैं अहां सं विशेष आग्रह अछि जे एहि मे हमरा सबके सहयोग करियौ ।
खट्टर कक्का - हौ आई-काल्हि देखै छियै खूब लोक सभ ट्वीटर -ट्वीटर क' रहल अछि। हम त ओतेक बुझबो नहिं करै छियै ।
सरोज - कक्का अहां के हम सब बुझा देब । अहां कनी अपन टोलक लोक सब के एक बेर अवश्य एकर सूचना द' देबैन्ह । अहांक बात सब मानै छथि ।
खट्टर कक्का - हं हौ । हम अहि सब मे पाछा रहै छी? हम सबके समाद पठा देबह ।
एहि मध्य खट्टर कक्का के पोती चाह ल' एलीह ।
खट्टर कक्का - लै जाह चाह पीबह ।
खट्टर कक्का - उदन तों किएक चुप बैसल छह। अपन सुनाबह । तोंहो कनी अपना टोल मे सरोजक बात के चर्च क दिहक ।
उदन - नहिं खट्टर कक्का, हमर सबहक अलग संगठन अछि 'मिथिला कल्याण'। हमर सबहक ट्रेंड अगिला रवि क' छैक । सरोज जी सब त 'मिथिला महिमा' सं जुड़ल छथि।
खट्टर कक्का - अएं हौ एना किएक ? की मिथिला कल्याण के मैथिली अलग आ मिथिला महिमा के मैथिली अलग छैक ?
उदन - अलग त नहिं छैक कक्का, मुदा हमर संगठन आह्वान कैलक अछि जे हमरा लोकनि अझुका ट्रेंड मे भाग नहिं ली।
खट्टर कक्का - वाह, तों सब त बड्ड तरक्की कैलह । मिथिलो मे आब 'फतबा' संस्कृति आनि देलह ।
©प्रकाश कुमार झा
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