शनिवार, 25 जुलाई 2020

फतबा

खट्टर कक्का अपन दलान पर बैसल दतमनि क रहल छलाह । तखने पूब दिस सं उदन आ पश्चिम दिस सं सरोज के अबैत देखलखिन्ह ।

खट्टर कक्का - आबह आबह उदन । बड्ड दिन पर देखलियह । अरे सरोज तोंहो छह?  आबै जाह,  बैसह ।

एक्के संग सरोज आ उदन - गोर लगै छी खट्टर कक्का ।
खट्टर कक्का  - खूब नीके रहय जा।  सब दिन  अहीना दनदनाइत रह'।  बैसह तों सब,  हम कुर्रा केने अबै छी। 

खट्टर कक्का क'ल पर जा कुर्रा कएलाह आ अबैत- अबैत अपन पोती के चिकरि क तीन कप चाह बना क' आनए कहि देलखिन्ह ।

खट्टर कक्का  -  आब सुनाबह तों सब । की कोनो खास प्रयोजन? 
सरोज - जी खट्टर कक्का,  एकटा खास काज सं आएल छलौंह ।
खट्टर कक्का  - हं बाजह ने।  कोन काज छह? 
सरोज - कक्का आई सांझ मे पांच बजे सं #मैथिली ट्वीटर पर ट्रेंड करेबाक छै । तैं अहां सं विशेष आग्रह अछि जे एहि मे हमरा सबके सहयोग करियौ ।
खट्टर कक्का - हौ आई-काल्हि देखै छियै खूब लोक सभ ट्वीटर -ट्वीटर क' रहल अछि।  हम त ओतेक बुझबो नहिं करै छियै ।
सरोज - कक्का अहां के हम सब बुझा देब । अहां  कनी अपन टोलक लोक सब के एक बेर अवश्य एकर सूचना द' देबैन्ह । अहांक बात सब मानै छथि ।
खट्टर कक्का - हं हौ । हम अहि सब मे पाछा रहै छी?  हम सबके समाद पठा देबह । 
 
एहि मध्य खट्टर कक्का के पोती चाह ल'  एलीह ।

खट्टर कक्का - लै जाह चाह पीबह ।
खट्टर कक्का - उदन तों किएक चुप बैसल छह।  अपन सुनाबह । तोंहो कनी अपना टोल मे सरोजक बात के चर्च क दिहक ।
उदन - नहिं खट्टर कक्का,  हमर सबहक अलग संगठन अछि 'मिथिला कल्याण'।  हमर सबहक ट्रेंड अगिला रवि क' छैक । सरोज जी सब त 'मिथिला महिमा' सं जुड़ल छथि। 
खट्टर कक्का - अएं हौ एना किएक ? की मिथिला कल्याण के मैथिली अलग आ मिथिला महिमा के मैथिली अलग छैक ?
उदन - अलग त नहिं छैक कक्का,  मुदा हमर संगठन आह्वान कैलक अछि जे हमरा लोकनि अझुका ट्रेंड मे भाग नहिं ली। 
खट्टर कक्का - वाह, तों सब त बड्ड तरक्की कैलह । मिथिलो मे आब 'फतबा' संस्कृति आनि देलह ।

©प्रकाश कुमार झा
आकाशवाणी, भागलपुर 
मो.नं. 9431874022

शनिवार, 4 जुलाई 2020

धन्यवाद वाजपेयी जी


नव भारत टाइम्स, नई दिल्लीक 26 अप्रैल, 2003 अंक मे हमरा द्वारा लिखित प्रधानमन्त्री क नाम पत्र प्रकाशित भेल छल। ओही वर्ष 22 दिसम्बर क मैथिली के संविधानक अष्टम अनुसूचि मे सम्मिलित करबाक बिल लोकसभा मे पारित भेल।  

बंधी आश

इंडिया टुडे (02 जुलाई, 2003) अंक के चिठ्ठियां कॉलम मे छपल हमर पत्र

मिथिला महिमा

 मिथिला देश निवासी छी हम मैथिली हमर भाषा सातो जनम अही ठाम हो इएह  हमर अभिलाषा मिथिला देश ........ जानकी, विद्यापति, सलहेस सन-सन अपन धरोहरि ज...